शनिवार, 8 अगस्त 2009

जाते जाते ....


जाते जाते ये क्या दिया मुझको,



गम का कैसा सिला दिया मुझको,



मै खुशी खोजता था दुनिया में,




प्यार में क्यों रूला दिया मुझको.

1 टिप्पणी:

  1. आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है। सुन्दर भावाभिव्यक्ति।

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