दिल से उठता धुआं सा लगता है,
कोई तो है जो परेशां लगता है,
आपको हमसे मोहब्बत न रही,
एक बिगड़ा बयान लगता है,
हमको देखा तो बस इतना कहा,
कोई उजड़ा मकान लगता है,
इस कदर दिल में छाये मेरे हैं,
जैसे कोई यहाँ सा लगता है !
....बृज भाटिया
शनिवार, 19 सितंबर 2009
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आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है. आपके नियमित लेखन के लिए अनेक शुभकामनाऐं.
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ब्लॉग जगत में स्वागत हैं आपका.........आपको हमारी शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंसतत लेखन के लिए बधाई
चिटठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. सार्थक लेखन के लिए शुभकामनाएं. जारे रहें.
जवाब देंहटाएं---
Till 25-09-09 लेखक / लेखिका के रूप में ज्वाइन [उल्टा तीर] - होने वाली एक क्रान्ति!
चिट्ठाजगत में स्वागत है कविताओं का स्वागत रखते है ये तो और भी अच्छा है
जवाब देंहटाएंआपका हिन्दी चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है। सुन्दर भावाभिव्यक्ति। हमारे यहां भी पधारें।
जवाब देंहटाएंnarayan narayan
जवाब देंहटाएंआपका हिन्दी चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है। सुन्दर भावाभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंdhuna to jaroor uthta hai
जवाब देंहटाएंदेर से ही सही हम भी स्वागत के लिये आ गये। आपके ही शहर से हैं।
जवाब देंहटाएं----
श्रीश बेंजवाल
http://shrish.in