शनिवार, 19 सितंबर 2009

दिल से उठता....

दिल से उठता धुआं सा लगता है,


कोई तो है जो परेशां लगता है,


आपको हमसे मोहब्बत न रही,


एक बिगड़ा बयान लगता है,


हमको देखा तो बस इतना कहा,


कोई उजड़ा मकान लगता है,


इस कदर दिल में छाये मेरे हैं,


जैसे कोई यहाँ सा लगता है !


....बृज भाटिया

9 टिप्‍पणियां:

  1. आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है. आपके नियमित लेखन के लिए अनेक शुभकामनाऐं.

    एक निवेदन:

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  2. ब्लॉग जगत में स्वागत हैं आपका.........आपको हमारी शुभकामनायें
    सतत लेखन के लिए बधाई

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  3. चिटठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. सार्थक लेखन के लिए शुभकामनाएं. जारे रहें.
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    Till 25-09-09 लेखक / लेखिका के रूप में ज्वाइन [उल्टा तीर] - होने वाली एक क्रान्ति!

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  4. चिट्ठाजगत में स्वागत है कविताओं का स्वागत रखते है ये तो और भी अच्छा है

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  5. आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है। सुन्दर भावाभिव्यक्ति। हमारे यहां भी पधारें।

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  6. आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है। सुन्दर भावाभिव्यक्ति।

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  7. देर से ही सही हम भी स्वागत के लिये आ गये। आपके ही शहर से हैं।

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    श्रीश बेंजवाल
    http://shrish.in

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